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सोमवार, 3 फ़रवरी 2014


चूरू के कुमार अजय जोधपुर में होंगे युवा पुरस्कार से सम्मानित
साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली की ओर से 5 फरवरी को होगा समारोह, 50 हजार रुपए एवं ताम्रफलक प्रदान करेंगे अकादेमी अध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद तिवारी
चूरू, 3 फरवरी। राजस्थानी के चर्चित युवा साहित्यकार कुमार अजय को जोधपुर में पांच फरवरी को भारत सरकार की साहित्य अकादेमी की ओर से होने वाले समारोह में युवा पुरस्कार दिया जाएगा। राजस्थानी कविता संग्रह ‘संजीवणी’ के लिए घोषित इस पुरस्कार के अंतर्गत 50 हजार रुपए का चैक व ताम्रफलक दिया जाएगा।
अकादेमी सचिव के श्रीनिवास राव के मुताबिक नामवर कवि नंदकिशोर आचार्य की मौजूदगी में साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद तिवारी राजस्थानी सहित विभिन्न भारतीय भाषाओं के लिए युवा साहित्यकारों को पुरस्कार देंगे। कुमार अजय के अलावा हिंदी के लिए अर्चना भैसारे, पंजाबी के लिए हरप्रीत कौर, संस्कृत में राजकुमार मिश्र, उर्दू में मोइद रसीदी, बांग्ला में शुभ्र बंदोपाध्याय, अंग्रेजी में जैनिस पैरियाट, गुजराती में अशोक चवड़ा समेत 22 भारतीय भाषाओं के लिए यह पुरस्कार दिए जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि ‘संजीवणी’ कविता संग्रह पर इससे पूर्व श्रीमती बसंती देवी धानुका युवा पुरस्कार भी दिया जा चुका है। चूरू जिले के गांव घांघू में 24 जुलाई 1982 को जन्मे कुमार अजय राजस्थानी व हिंदी में समान रूप से सक्रिय हैं तथा  कविता, कहानी, लघुकथा, गजल विधाओं में लिखते हैं। राजस्थानी (एम.ए.) में महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर के गोल्ड मेडलिस्ट अजय की कविता पुस्तक ‘संजीवणी’ के अलावा राजस्थानी में कहानी पुस्तक ‘किणी रै कीं नीं हुयौ’ तथा पिछले वर्ष प्रकाशित हिंदी कविता संग्रह ‘ कहना ही है तो कहो’ भी खासे चर्चा में रहे हैं। साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली के लिए सलाम बिन रजाक के उर्दू कहानी संग्रह ‘शिकस्ता बुतों के दरमियान’ का अनुवाद कर चुके अजय इन दिनों कन्नड़ के प्रख्यात लेखक कुवेम्पु के  उपन्यास ‘कानूरु हेग्गडिति’ के राजस्थानी अनुवाद में जुटे हैं।
चूरू में बतौर सहायक जनसंपर्क अधिकारी कार्यरत कुमार अजय को पूर्व में पत्रकारिता के दौरान वर्ष 2006 में राज्य स्तरीय ग्राम गदर पुरस्कार, वर्ष 2007 में कुलिश स्मृतिः कलम से स्वराज पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
इससे पूर्व वर्ष 2011 में जिले के साहित्यकार दुलाराम सहारण तथा वर्ष 2013 में कोटा के ओम नागर को राजस्थानी भाषा के लिए साहित्य अकादेमी के युवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 

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